वर्तमान समय में व्यक्ति का जीवन पूर्णरूपेण समूह में समाहित हो गया है । व्यक्ति का हितों के संरक्षण और संवर्धन के लिए समूहों में संगठित होना आवश्यक हो गया है । वे हित अधिक चैतन्य एवं प्रबुद्ध होते हैं जो अपना औपचारिक संगठन बनाकर शासन की नीतियों पर प्रभाव डालने का प्रयास करने लगे हैं । चूँकि ये संगठित समूह अपने - अपने संगठन की शक्ति के दबाव द्वारा सार्वजनिक नीतियों तथा शासकीय निर्णयों पर प्रभाव डालने का प्रयत्न करते हैं अतः इन्हें दबाव समूह कहा जाता है।
दबाव समूह के विभिन्न अर्थ
दबाव समूह के नामकरण के सम्बन्ध में विद्वानों ने निम्न चार मत प्रस्तुत किये हैं-
( 1 ) हित समूह ( Interest Group ) - ऑमण्ड , रोमन कोकोविज ( Roman Kol Kowez ) तथा हिचनर ( Hichner ) व हर्बोल्ड ( Harbold ) आदि का मत है कि समूह को ' हित समूह ' ( Interest Group ) कहना चाहिए क्योंकि दबाव समूह कहे जाने में दबाव शब्द से अनौचित्यपूर्ण दबाव का आभास होता है । इससे यह प्रतीत होता है कि सभी समूह हमेशा अपने हितों की पूर्ति के लिए आवश्यक रूप से अनुचित व असंवैधानिक साधनों को प्रयुक्त करते हैं।
( 2 ) समूह ( Group ) - बहुलतावादी दबाव समूह को केवल ' समूह ' कहना पसन्द करते हैं । उनके अनुसार सम्पूर्ण समाज समूह - जन्य है तथा सभी प्रकार के समूहों का लक्ष्य प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपने हितों की साधना है । इन हितों की पूर्ति के लिए विभिन्न प्रकार के प्रभाव प्रयुक्त करने होते हैं । इनका सम्बन्ध केवल सरकार से ही नहीं जोड़ा जा सकता । अनेक समूहों का सरकार से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सम्बन्ध ही नहीं होता । अतः ' दबाव समूह ' के स्थान पर ' समूह ' शब्द का प्रयोग , इनकी प्रकृति , भूमिका व महत्त्व का सही चित्रण करने वाला है । अर्ल लेथम ने इसी अर्थ का समर्थन किया है।
( 3 ) दीर्घ संघ तथा राजनीतिक समूह ( Lobby Association and Political Group ) - कुछ विचारकों ने दबाव समूह के स्थान पर ' लॉबी ' या दीर्घा ( Lobby ) , 'संघ' ( Association ) तथा ' राजनीतिक समूह ' ( Political Group ) आदि शब्दों का प्रयोग करने का सुझाव दिया है।
( 4 ) हित समूह व दबाव समूह ( Interest Group and Pressure Group ) - जीन ब्लोण्डेल , रॉबर्ट सी ० बोन , माइरन वीनर तथा एस . व हित समूह का एक - दूसरे के स्थान पर प्रयोग करते हैं तथा इन दोनों में कोई अन्तर नहीं ई . फाइनर आदि विद्वान दबाव समूह मानते हैं । इसका कारण यह है कि प्रत्येक दबाव समूह की उत्पत्ति का कारण एकसे हित ही कहे जा सकते हैं । रॉबर्ट सी . बोन के अनुसार , हित समूहों के अध्येयता हित समूह व दबाद समूहों के साधनों का प्रयोग करते हैं , किन्तु यह अन्तर अर्थपूर्ण नहीं है ।
निष्कर्षतः दबाव समूह , हित समूह , राजनीतिक समूह आदि शब्दों को एक - दूसरे के लिए प्रयोग किया जाता रहा है।
दबाव समूह की परिभाषाएँ
दबाव समूह ( Definitions of Pressure Groups ) प्रमुख परिभाषाएँ निम्न प्रकार हैं -
( 1 ) ऑडीगार्ड ( Odegard ) के शब्दों में , " एक दबाव समूह ऐसे लोगों का औपचारिक संगठन है जिनके एक अथवा अधिक सामान्य उद्देश्य एवं स्वार्थ हों और जो घटनाओं के क्रम को , विशेष रूप से सार्वजनिक नीति के निर्माण और शासन को इसलिए प्रभावित करने का प्रयास करें कि उनके हित की रक्षा और वृद्धि हो सके।"
( 2 ) एच ० जीगलर ( Herman Zeigler ) के अनुसार , दबाव समूह से अभिप्राय है , " संगठित समूह जो अपने सदस्यों को औपचारिक ढंग से सरकारी पदों पर नियुक्त करने की कोशिश किये बिना सरकारी निर्णयों के सन्दर्भ को प्रभावित करना चाहता है।"
( 3 ) माइरन वीनर ( Myron Weiner ) के अनुसार , “ हित अथवा दबाव समूह स्वैच्छिक समूह हैं जो प्रशासकीय ढाँचे के बाहर हो और जो सरकारी कर्मचारियों के नामांकन अथवा नियुक्ति , सार्जवनिक नीतियों को अपनाये जाने , उनके प्रशासन और निर्वाचन को प्रभावित करने के प्रयास करते हों।"
दबाव समूह के प्रमुख लक्षण या विशेषतायें
दबाव समूह के प्रमुख लक्षण निम्न प्रकार हैं-
( 1 ) राजनीतिक प्रक्रिया - अभिमुखी ( Political Action - oriented ) - दबाव समूह स्वयं राजनीतिक संगठन नहीं हैं । ये ऐसे गैर - राजनीतिक संगठन हैं जो किसी विशेष हितों तथा मुद्दों की पूर्ति के लिये राजनीतिक ढाँचे तथा सरकारी नीतियों को प्रभावित करते रहते है । इस प्रकार दबाव समूह केवल कार्य प्रणाली के आधार से ही राजनीतिक क्रिया - अभिमुखी ( Political Action - oriented ) होते हैं , अन्यथा वे शासन तन्त्र से बाहर रहते हैं।
( 2 ) ऐच्छिक सदस्यता ( Voluntary Membership ) - दबाव समूह किन्हीं विशिष्ट हितों की प्राप्ति के लिये बनाये जाते हैं । कोई भी व्यक्ति दबाव समूह की सदस्यता प्राप्त करने के लिये बाध्य नहीं होता।
( 3 ) सुनिश्चित स्व - हित ( Specific Self - interest ) - स्व-हितों की निश्चितता और उद्देश्य ही विभिन्न व्यक्तियों को एक सूत्र अर्थात् दबाव समूह में आबद्ध करता है । अतः यह आवश्यक है कि स्व - हित सुनिश्चित हों । व्यक्तियों के समक्ष स्पष्ट सुनिश्चित सम स्व - हित न होने पर किसी भी दबाव समूह का निर्माण नहीं हो सकता।
( 4 ) अनिश्चित कार्यकाल ( Indefinite Tenure ) - दबाव समूह किसी हित विशेष की पूर्ति के लिये बनाये जाते हैं । इस हित विशेष की पूर्ति हो जाने पर यह स्वतः ही समाप्त हो जाते हैं।
( 5 ) सर्वव्यापक प्रकृति ( Universal Nature ) - दबाव समूह सभी प्रकार की राजनीतिक व्यवस्थाओं में , यहाँ तक कि शक्तिशाली , सर्वाधिकारी और स्वेच्छाचारी राजनीतिक व्यवस्था में भी मिलते।
( 6 ) औपचारिक संगठन ( Formal Organization ) - व्यक्तियों के झुण्ड को दबाव समूह नहीं कहा जा सकता , उसमें औपचारिक संगठन होना आवश्यक है , विभिन्न दबाव समूहों के अलग - अलग नियम - निर्माता , सदस्यता शुल्क , समिति तथा कार्यकारिणी होती है । ये सभी चिन्ह दबाव समूह के हैं।
( 7 ) लुक -छिपी की भूमिका ( Role of Hide and Seek ) - दबाव समूह समाज में लुका - छिपी की भूमिका निभाते हैं , परन्तु ये राजनीति में गुप्त रूप से कार्य करते हैं । ये स्वयं को गैर - राजनीतिक इकाइयाँ ( Non - Political Entities ) बताते हैं तथा अपने चरित्र को छिपाने का प्रयास करते हैं।
निष्कर्ष ( Conclusion ) - यद्यपि कुछ संगठन स्थायी दबाव समूह के रूप में विद्यमान होते हैं फिर भी अनेक दबाव समूह अपने हित की पूर्ति के लिये बनाये जाते हैं और उन हितों की पूर्ति होने पर स्वयं ही समाप्त हो जाते हैं।

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